राशन घोटाले की परतें खुलते ही विपणन अधिकारी मीडिया के रास्ते बचाव में उतरे
– तमकुहीराज तहसील के कोटेदारों द्वारा मोर्चा खोलने के बाद तोड़ी चुप्पी
– दागदार ही दाग धोने में लगे
तमकुहीराज, कुशीनगर। कहावत है, एक झूठ को छुपाने के लिए कई झूठ बोलने पड़ते है। आरोप सत्य हो और कार्यवाही होने की नौबत आ जाय तो व्यक्ति विचलित हो जाता है। विपणन व खाद्य एवं रसद विभाग में वर्षो से व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से छुपा नहीं है। ऐसे में जब भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोले और भ्रष्टाचार के जिम्मेदार ही जब निचले क्रम के कमजोर लोगों को शिकार बना उसपर पर्दा डालने का प्रयास करेंगे तो एक न एक दिन सबकों वेपर्दा होना ही पड़ेगा।
विपणन अधिकारी द्वारा कोटेदारों के यहां राशन भेजवाने के बजाय जब उन्हें अपने गोदाम पर बुला कम राशन दिया जाएगा, तो कोटेदार लाभर्थियों को कहा से पूरा राशन देगें। फिर कोटेदारों के खिलाफ आवाज उठेंगी। जिम्मेदार असली भ्रष्टाचार से मुँह मोड़ उन्हें ही अपना शिकार बना भ्रष्टाचार पर पर्दा डालेगें। तो पीड़ित भी अपना आवाज उठाने को मजबूर होंगे ही।
कोटेदारों ने जब विपणन गोदाम से कम राशन देने का आरोप लगा राशन उठान रोक उपजिलाधिकारी तमकुहीराज के कार्यालय के सामने प्रदर्शन जैसे ही शुरू किया। ठीक वैसे ही जिम्मेदार अधिकारियों ने विपणन अधिकारी को मीडिया के माध्यम से आगे कर दूसरी ओर से भी मोर्चा खोल दिया गया है। इस तरह दोनों पक्षों से दी जा रही दलील में भी छेद ही छेद नजर आ रहा है। जिसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ना निश्चित है।
विपणन अधिकारी राशन के स्टोर में बोरों के फटने, चूहों द्वारा कतरने से नुकसान और वेमौसम में हुई छति को हथियार बना सफाई पेस की जा रही। लेकिन सवाल यह उठता है कि इसका जिम्मेदार कौन है, जिम्मेदार, कोटेदार या फिर आम गरीब जिसे भूखे पेट को भरने के लिए दो जून की रोटी की आवश्यकता है।
खैर भ्रष्टाचार का अंकगणित कहाँ फिट बैठता है, यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा। लेकिन विपणन अधिकारी ने खुद मीडिया को मोहरा बना जो पासा चला है, उससे तो यह स्पष्ट हो गया है कि जिम्मेदारों के साथ विपणन विभाग भी घटतैली के इस खेल में अहम भूमिका निभा रहा है।